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Raj mein Gunde, Dharm mein Pande, Samaj mein Andhe
Pitamber Pant
(Autor)
·
Zorba Books
· Tapa Blanda
Raj mein Gunde, Dharm mein Pande, Samaj mein Andhe - Pant, Pitamber
Sin Stock
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Reseña del libro "Raj mein Gunde, Dharm mein Pande, Samaj mein Andhe"
मैंने आपातकाल के दौर में एक विद्यार्थी के रूप में निर्मम गिरफ्तारीयों का, नसबंदी अभियान में हास्यास्पद घटनाओं का, वी.पी. सिंह के कमंडल से मंडल द्वारा एक खंडित समाज का, लोकतंत्र के नाम पर चुनावी मौतों का और २०वीं सदी के अंतिम कुछ वर्षों में औसतन प्रधानमंत्रियों के चयन का दुखद अनुभव किया. इन सब घटनाओं ने मुझे जीवन के ३० वर्ष पार करते करते उद्वेलित और निराश कर दिया। स्थिति में सुधार नहीं हुआ है - यह और भी खराब हो गई है। नई सदी में बड़े पैमाने पर लूट, झूठ, लोकतांत्रिक मूल्यों और संगठनों का ह्रास तथा विधायिकाओं में अपराधी छवि की बढ़ोतरी ने पूरे भारत में निराशा और आत्म-ग्लानि की भावना पैदा की है। अपनी निराशा को बाहर निकालने के लिए किताब लिखने का क्या मतलब है? क्या यह किताब किसी भी तरह से उपयोगी होगी? शायद! अतीत से सीखने का अवसर निश्चित रूप से उपयोगी होगा। मानव-जाती का अतीत को भूलने की प्रवृति एक अचम्भा है! यक्ष का पहला प्रश्न "दुनिया का सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है?" और युधिष्ठिर का जवाब, "मनुष्य का यह जानते हुए कि मृत्यु जीवन का अटूट सत्य है वह फिर भी इस सच को भूला रहता है।" सम्भवतः यह किताब भविष्य में भी हमें हमारे ह्रास के कारणों का स्मरण कराएग
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El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Blanda.
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